ऐसा बहुत कम होता है जब कत्ल के किसी मामले में कातिल के पकड़े जाने के बावजूद कत्ल की कहानी ना सुलझे. साजिश की परतें ना हटें. लेकिन मुंबई में हुए आर्टिस्ट हेमा उपाध्याय और उनके वकील हरीश भंबानी के डबल मर्डर की कहानी के साथ कुछ ऐसी ही हो रहा है.