एक घर का चराग बुझा और तमाम घरों में अंधेरा सा छा गया. प्रद्मुम्न का गम सिर्फ उसके मां-बाप का गम नहीं रहा. ये गम हर उस मां-बाप को गमगीन कर गया है जिनके बच्चे स्कूल जाते हैं. प्रद्मुम्न के जाने के बाद से अचानक ऐसा लगने लगा है मानो मां-बाप अपने बच्चों को स्कूल नहीं जंग के मैदान में भेज रहे हैं.