दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 की रात एक बस की पिछली सीट पर जो कुछ हुआ था. उसने पहली बार बलात्कार जैसे संगीन मुद्दे पर देश को झकझोरा था. ये ऐसा दर्दनाक केस था जब जनता, सरकार और कानून बनाने वाले सभी रो पड़े थे. उसके बाद दावों और वादों का एक लंबा सिलसिला शुरू हुआ. कानून का खौफ बढ़ाकर सूरत बदलने का भरोसा तक दिलाया गया. मगर अफसोस उसके बाद बस वक्त ही बीता है बाकी कुछ भी नहीं. वर्ना 16 दिसंबर जैसी वारदात पंजाब के मोगा में फिर सामने न आती.