निर्भया के चार गुनहगारों में से एक ने अपना सिर जेल की दीवार से दे मारा. हालांकि चोट ज्यादा गंभीर नहीं आई मगर इस हरकत ने ये जरूर बता दिया कि तीसरे डेथ वॉरंट के जारी होने के बाद पहली बार चारों को ये यकीन सा हो चला है कि इस बार शायद फांसी ना टल पाए. हालांकि जेल मैनुअल कहता है कि सिर्फ दो ही सूरत में फांसी टल सकती है. एक फांसी पर चढ़ने वाला किसी गंभीर बीमारी का शिकार हो या फिर मानसिक रूप से बीमार हो. हाथ-पैर अगर टूट भी जाएं तो प्लास्टर के साथ भी फांसी दी जा सकती है. देखिए वारदात में पूरी रिपोर्ट.