एफआईआर दर्ज हो चुकी है. एफआईआर में नाम भी लिखा जा चुका है. जमानत ना मिले, आईपीसी की उस धारा में भी उनको लपेटा जा चुका है. पर फिर भी वो आजाद घूम रहे हैं. जानते हैं क्यों? क्योंकि एक तो वो राजा हैं, ऊपर से भैया और उसके ऊपर उन्हें बचाने के लिए सरकार खुद गोली दे रही है. दरअसल डीएसपी जियाउल हक के कातिलों की गिनती छोड़ यूपी सरकार गोलियों की गिनती में पूरे मामले को उलझा बैठी है. ताकि राजा भैया के लिए आगे का रास्ता आसान हो सके. उन राजा भैया के लिए जिन्होंने पूरे उत्तर प्रदेश को ठेंगे पर रखा हुआ है.