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मासूम बचपन में हाथों में किताब नहीं बंदूक!

मासूम बचपन में हाथों में किताब नहीं बंदूक!

बच्चे हमारी कुल आबादी का करीब 42 फीसदी हिस्सा हैं. जाहिर है हमारे आसपास जो भी होता है, जो भी घटता है उसका असर सीधे उनके बचपन पर भी पड़ता है. अब चाहे वो अच्छाई हो या फिर बुराई. जिस उम्र में जिन हाथों में किताब और क़लम होनी चाहिए. अगर उन्हीं हाथों में चाकू और बंदूक पहुंच जाए तो फिर हरेक का चौंकना लाजमी है.

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