प्रत्यूषा बनर्जी की खुदकुशी की खबर ने ग्लैमर की रंगीन दुनिया को एक बार फिर झकझोर कर रख दिया है. एक बार फिर ये सवाल कचोटने लगा है कि क्या तड़क-भड़क की जिंदगी का अंजाम तनहाई और अकेलेपन के तौर पर ही सामने आता है? और क्या नाकामी और गुमनामी ही अक्सर मौत की वजह बन जाती है? शोहरत की ऐसी मौत से बॉलीवुड एक बार नहीं बल्कि कई बार दो-चार हो चुका है.