जालंधर के संत आशुतोष महाराज की समाधि और मौत की पहेली ऐसी उलझी है कि सुलझाए नहीं सुलझ रही. हाईकोर्ट ने जहां 15 दिन के अंदर समाधि के ड्रामे को श्मशान तक पहुंचाने का हुक्म दिया है, वहीं भक्त हैं कि उनकी मौत को ही झुठलाने में लगे हैं. ऐसे में अब हर किसी को ये डर है कि कहीं ये मामला संत रामपाल के सतलोक आश्रम की तरह पेचीदा ना हो जाए.