कहते हैं भगवान का घर और सरकार का दर, हर एक के लिए होता है. यहां कोई भी आकर अपना हक मांग सकता है. सवाल ये कि क्या सचमुच ऐसा है? शायद नहीं. गरीब भगवान के दर्शनों के के लिए लाइनों में खड़ा होता है, जबकि अमीरों के लिए वीआईपी गेट होता है. सरकारी काम-काज का क्या हाल है, यह किसी से छिपा नहीं है. लेकिन कोरोना से जान बचाने वाली वैक्सीन भी अमीरों के हिस्से पहले आएगी और गरीबों के हाथ बाद में लगेगी, ऐसा कभी सोचा न था. लेकिन यकीन मानिए ऐसा होने जा रहा है. क्या है वैक्सीन टूरिज्म का सच, देखिए वारदात, शम्स ताहिर खान के साथ.