हवस और हैवानियत इंसानी फितरत का एक ऐसा काला पन्ना है जिस पर लिखी इबारत हर पल करिश्माई अंदाज में बदलती है. कभी बर्बादी की शक्ल में तो कभी खून के छींटों में, कभी बेशर्मी में तो कभी अश्कों और आंहों में. अब इसी इंसानी फितरत ने हैवानियत की एक ऐसी तस्वीर दिखाई है जो ना मालूम कब से एक पिंजरे में क़ैद थी.