हर आदमी जल्दी-जल्दी जी लेने की आपाधापी में जिंदगी को ही छोड़ कर आगे निकलता जा रहा है। लिहाजा नतीजा ये हो रहा है कि इस आपाधापी के पैरों तले एक-एक कर तमाम रिश्ते कुचलते चले जा रहे हैं.