सुनते हैं एक ज़माने में इंसानों की मंडी लगा करती थी. जहां पैसे देकर लोग अपने लिए गुलाम और दासी खरीदा करते थे. पर वो शायद जंगल राज की बात थी. सदियां बीत गईं पर मंडी नहीं बदली. बस खरीदने और बेचने का तरीका बदल गया है. एक ऐसे ही नए बाजार का खुलासा हुआ है जहां जिस्म होटल के कैदखाने में की मंडी सजती थी.