हिंदुस्तान के इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था कि एक प्रधानमंत्री के हुक्म को फौज का एक जनरल मानने से इनकार कर दे. लेकिन चालीस साल पहले आर्मी के एक जिद्दी जनरल ने ऐसा ही किया. उसने देश की आन-बान शान के लिए इंदिरा जैसी दबंग प्रधानमंत्री का हुक्म तामील करने से साफ इनकार कर दिया.