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नॉनस्टॉप 100: 'अस्पताल तक जिंदा पहुंचा था प्रद्युम्न'

नॉनस्टॉप 100: 'अस्पताल तक जिंदा पहुंचा था प्रद्युम्न'

प्रद्युम्न मर्डर केस में चश्मदीद कंडक्टर मनोज कुमार का बड़ा बयान ... अस्पताल पहुंचने तक खुली थीं प्रद्युम्न की आंखें, चल रही थीं सांसे. -मनोज के मुताबिक – घायल प्रद्युम्न वैगनआर में था और टीचर चीख रहीं थीं कोई तो साथ चलो ... इसलिए में गाड़ी में अस्पताल तक साथ गया. -मनोज के खुलासे से उठा सवाल ... जब टीचर ने कंडक्टर अशोक से घायल प्रद्युम्न को वैगनआर में रखवाया तो उसे ही साथ क्यों नहीं ले गई.

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