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मैं भाग्य हूं.... इंसान की पहचान इंसानियत से होती है

मैं भाग्य हूं.... इंसान की पहचान इंसानियत से होती है

मैं भाग्य हूं.... मैं ही रोज आपको कर्मों की सीख देता हूं. मैं अक्सर यह बात कहता हूं... ये दुनिया अच्छे और बुरे लोगों से भरी पड़ी है. मैंने ऐसे लोगों को देखा है. जो इंसाना को इंसान नहीं समझते. लोगों की भावनाओं का सम्मान नहीं करते. मैंने ऐसे लोगों को भी देखा है. जिनके आचरण और व्यवाहर पर हैरानी होती है. दुनिया में कुछ सच्चे और अच्छे लोग अभी भी बचे हैं.

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