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मैं भाग्य हूं... सदा चलें धर्म की राह पर

मैं भाग्य हूं... सदा चलें धर्म की राह पर

मैं इस संसार में धर्म के नाम पर जितना कोहराम और रक्तपात आज मचा है. उतना शायद पहले नहीं था. अपने धर्म को श्रेष्ठ और दूसरों के धर्म को तुच समझने वालों की तादाद दिनों दिन बढ़ रही है. जिस तरफ नजर दौड़ाओ धर्म का चोला ओड़े पाखंडी ही नजर आते हैं.

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