कश्मीर में एक ऐसी घटना घटी है जिसने उग्रवाद की राह पकड़ने वाले नौजवानों को नई रोशनी दिखाई है. सिर्फ एक हफ्ते में 20 साल के फुटबॉलर ने लश्कर ए तैयबा का रास्ता छोड़कर सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया.