पांच दिन हो रहे हैं, हर जगह पर सिर्फ जेएनयू की ही चर्चा है. रविवार को जो हिंसा हुई थी उसके गुनहगार तो पकड़े नहीं गए लेकिन जेएनयू के मामले को राजनीति ने मजबूती से पकड़ लिया है. नागरिकता कानून और जामिया हिंसा के बाद जेएनयू के मामले से उन सरकार विरोधी प्रदर्शनों को एक तरह से एक्सटेंशन मिला है. जिनके सहारे विपक्ष भी मोदी सरकार और बीजेपी की घेराबंदी में जुटा है. देखें खबरदार.