शांति स्थापित करने की बातचीत और षडयंत्र. ये दोनों एक साथ नहीं चल सकते. चीन बहुत समय से ऐसे ही करता आ रहा है. गलवान हो या पेंगॉन्ग, देपसांग हो या डोकलाम. बार बार चीन एक षडयंत्रकारी के रूप में सामने आया है. इसीलिए अब भारत ने चीन को सीधे सीधे समझा दिया है कि ये दोनों रणनीतियां एक साथ नहीं चलेंगी. चीन को LAC पर अपने कदम पीछे खींचने होंगे वर्ना रिश्ते बहुत खराब हो जाएंगे और इसका ज़िम्मेदार सिर्फ चीन होगा. भारत ने ये भी कहा है कि गलवान को लेकर चीन के दावे पूरी तरह गलत हैं. ये शब्द चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी के हैं. इसके बाद भारत और चीन के बीच का कूटनीतिक तापमान और बढ़ गया है. देखिए खबरदार में पूरा विश्लेषण.