पाकिस्तान ने फिर खुद के जालिम होने के पक्के सबूत दे दिए और ये दिखा दिया कि जिस इंसानियत के नाम पर उसने 22 महीने से कैद एक बेटे से उसकी मां और उसकी पत्नी को मिलवाने की बात कही थी वो सिर्फ सिर्फ एक ड्रामा जैसा था. क्योंकि ऐसा ना होता तो आज कुलभूषण जाधव से उनकी मां और उनकी पत्नी सीधे मिल पाती और पाकिस्तान एक मां और पत्नी के सामने कांच की दीवार खड़ी ना करता.