क्या हो गया है देश को? क्या हुआ बेटी पढ़ाओ बेटी बचाओ के नारे का किरण बेदी, कल्पना चावला या उन जैसी तमाम कामयाब महिलाओं को आगे रखकर हम महिला सशक्तिकरण की बात तो करते हैं लेकिन जब सुरक्षा की बात आती है तो हम पाते हैं कि लड़कियां आज भी डर और खौफ के साए में जीने को मजबूर हैं. ऐसा क्यों है? ऐसा कब तक चलेगा? इसे एक समाज के तौर पर हम कैसे स्वीकार कर सकते हैं? देखिए हल्ला बोल.