इस देश में अब जिस भी घटना या वारदात के बाद वहां नेताओं का दौरा हो रहा है तो मामला सुलझने के बजाए और उलझ रहा है. दादरी में राजनीति ने समाज में विभाजन के बीज बो दिए. ऐसा हम नहीं कह रहे ये तो समाज के बुद्धिजीवियों का मानना है. क्या वाकई ऐसा ही है.