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हल्ला बोल: भूल गए रोटी-मकान, याद रहा श्मशान-कब्रिस्तान

हल्ला बोल: भूल गए रोटी-मकान, याद रहा श्मशान-कब्रिस्तान

यूपी का चुनाव बुनियादी मुद्दों की पटरी से उतरता दिख रहा है. तीसरे चरण के बाद मजहब की आड़ में चुनावी बेड़ा पार लगने की कोशिश होती दिख रही है. जुबानी जंग से यूपी के माहौल में मजहबी जहर घुलने का खतरा दिखने लगा है.यूपी के चुनाव में बयानों की बाजीगरी हो रही है. अनसुने शब्द, अनछुए मुद्दे उछाले जा रहे हैं. भूख, बेरोजगारी, भय, भ्रष्टाचार की जगह श्मशान, कब्रिस्तान की बातें हो रही हैं. मजहबी रंग से चुनावी रण जीतने के इरादों पर 'हल्ला बोल' में आज चोट होगी.

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