बलात्कार पर सख्त कानून के नाम पर सरकार ने एक बार फिर से देश की जनता को बेवकूफ बनाया है. इस बार कोड़ा कैबिनेट के नाम के नाम पर चलाया है. मनमोहन सिंह के सलाहकारों की मंडली महिलाओं के खिलाफ अपराध पर अंकुश लगाने के नाम पर कोई राय ही नहीं बना सकी. जिस बलात्कार विरोधी कानून को सरकार ने इतना जरूरी समझा था कि अध्यादेश लाना पड़ा. कांग्रेस को जयपुर अधिवेशन के लिए महिला सशक्तिकरण के नाम पर अलग से कमेटी बनानी पड़ी थी, अब उसी कांग्रेस की सरकार के बड़े-बड़े वकील बिल के लिए दलील तैयार नहीं कर पा रहे हैं.