बलात्कार एक ऐसा नासूर जो औरत के वजूद में जिंदगीभर के लिए सुराख कर देता है. लेकिन जब इस पर भी सियासत के सिक्के खनकाए जाने लगें तो सोचना पड़ता है. आवाज उठानी पड़ती है और बोलना पड़ता है हल्ला. ये खापों की तेज़ाबी सोच का एक और हिस्साभर है कि उसने रेप की बढ़ती घटनाओं को कम करने के लिए शादी की उम्र घटाकर सोलह साल करने की मांग की और इस विनाशी तेवर पर ओमप्रकाश चौटाला जैसे कद्दावर नेता ताली पीट रहे हैं.