निजामुद्दीन मरकज ने कोरोना वायरस को पनपने और फैलाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ा. जहां दिल चाहा, जैसे चाहा, वायरस को सुरक्षित ठिकाना दिया. दुनिया के सबसे खतरनाक वायरस का वाहक बने. मरकज की इसी खतरनाक हरकत के बाद दिल्ली पुलिस से लेकर कई एजेंसियां लगातार सक्रिय हो गई. मरकज मामले में कोरोना से संक्रमण की बड़े पैमाने पर मैपिंग हो रही है. मैपिंग के जरिए मरकज में आए लोगों की शिनाख्त की जा रही है. साथ ही अलग-अलग राज्यों की एजेंसियां भी इस काम में मदद कर रही है. दिल्ली में कोरोना के मामले बढ़कर अबतक 503 हो गए हैं जिनमें से मरकज के 320 लोग हैं. देश में कोरोना मामले में दिल्ली का नंबर तीसरा है. सारी मशीनरी लगने के बाद भी हालात नहीं सुधर रहे हैं. लॉकडाउन से लेकर स्वास्थ्य सुविधाओं की अच्छी व्यवस्था पर मरकज की सबसे बड़ी गलती भारी पड़ रही है. मरकज के लोग देश के जिन-जिन शहरों-गांवों,कस्बों,गलियों में गए वहां अचानक से कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में इजाफा हो गया. तबलीगी जमात के लोगों का बड़ी संख्या में भारत-नेपाल बार्डर पर जमावड़ा हो गया है. बिहार से सटे नेपाल सीमा पर नेपाल पुलिस ने एक हजार मौलवियों को पकड़ा है जिनमें कई पाकिस्तानी मुसलमान भी हैं. इसी को देखते हुए बिहार पुलिस भी अलर्ट है. वहीं हिमाचल में तबलीगी जमात को पुलिस ने सख्त चेतावनी दी है. पुलिस ने कहा कि जो लोग मरकज से लौटे हैं वो अपनी जानकारी दें वरना उन पर हत्या का केस दर्ज होगा.