वो गवाह बना दुर्योधन के वध का,भीम के बल का और पाण्डवों की जीत का. वो आज भी देता है वरदान बुद्धि और बल का. हम बात कर रहे हैं महाभारत युद्ध की, जिसमें हर कोई मरने मारने पर उतारू था लेकिन वहीं कोई था जिसने अहंकारी दुर्योधन को भीम के सामने कांपते हुए देखा था.