कूष्मांडा का निवास ब्रह्मांड के केंद्र में है और वो अपने संकेतों से सभी सौर्यमंडलों का संचालन करती हैं. देवी कूष्मांडा का विवाह शंकर भगवान के साथ हुआ. जहां भोले सभी जीवों के देव बन गए वहीं कूष्मांडा प्रकृति की देवी.