सबके दुखों को हरने वाले शिव भी करते थे चाकरी. अपने एक भक्त की भक्ति से भोलेशंकर इतना प्रसन्न हुए कि उसकी भक्ति का कर्ज उतारने के लिए, उसकी नजदीकी पाने के लिए सेवक बनना भी मंजूर कर लिया.