देवभूमि उत्तराखंड जिसके कण कण में बसा है शिव का नाम, जिसके हर कोने से जुड़ी है आस्था की सैंकड़ों कहानियां. उत्तराखंड के त्रियुगीनारायण में तीन युगों से जल रही है जोत. वो भी शिव और पार्वती के विवाह-वेदी की अग्नि.