पटना के इसी गांधी मैदान में 27 अक्टूबर को नरेन्द्र मोदी की रैली होनी है और नीतीश कुमार की घबराहट की वजह नरेन्द्र मोदी से ज्यादा गांदी मैदान है. क्योकि खुद नीतीश कुमार ने राजनीति का राष्ट्रीय ककहरा गांधी मैदान में जेपी की रैलियो को देखकर ही पढ़ा और नरेन्द्र मोदी ने भी राजनीति का ककहरा 1974 में जेपी के गुजरात आंदोलन से ही पढा जो छात्र संघर्ष से शुरु हुआ था और धीरे धीरे इंदिरा गांधी की सत्ता के खिलाफ ऐसी हवा बनी कि पटना यूनिवर्सिटी के तमाम छात्र उस संघर्ष में कूद पड़े.