अब तलाक तलाक तलाक शब्द मुस्लिम महिलाओं की जिंदगी में जहर घोल नहीं पायेगा क्योंकि देश की सर्वोच्च अदालत की संवैधानिक पीठ ने तीन शब्दों को दोहराने भर के तरीके को असंवैधानिक करार दिया है. ये एक ऐसी जीत है, जो सामाजिक सुधार की दिशा में उठाया गया कदम है क्योंकि तीन तलाक तो मुगलिया सल्तनत के दौर में भी था. चलन के लिहाज से तब भी इसे सामाजिक कुरिति के तौर पर ही देखा जाता था.