फ्रांस में पहली बार अभिव्यक्ति को ही बंदूक की नली से दबाने की खुली कोशिश की गई. फ्रांसीसी व्यंग्य पत्रिका 'चार्ली एब्डो' के दफ्तर पर हुए आतंकी हमले में 12 लोगों की मौत हो गई.