जिस आरटीआई कानून ने देश में कई घोटालेबाजों को बेनकाब किया, जिस सूचना के अधिकार कानून से देश मे दर्जनों भ्रष्टाचारियों के चेहरे से नकाब उठा, उसी कानून के तहत राजनीतिक दलों को भी लाने की बात देश की सियासत के रहनुमाओं को क्यो मंजूर नही है.