बीते दस बरस में संसद के भीतर एक चौथाई संसदों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हुए, लेकिन कभी कुछ नहीं हुआ. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में अपने पहले भाषण में इनपर नकेल कसने का इशारा कर दिया है.