जो नारा कभी नक्सलबाड़ी में लगता था 'लाल सलाम' वो कभी दिल्ली में लगेगा किसने सोचा था? क्या दिल्ली में लगते नारे केरल और पश्चिम बंगाल में वामपंथी राजनीति को हवा दे पाएंगे?