चुनाव आयोग ने नेताओं की बोलती बंद करने का मन बना लिया है. सियासी बयानबाजी के बीच आयोग ने सख्ती का रुख अपनाया है और इसकी शुरुआत बीजेपी और सपा के दो दिग्गजों से हुई है.