महंगाई, बेरोजगारी और आम आदमी की घटी हुई कमाई- चिंता के इस त्रिकोण में जनता खड़ी है. निगाहें वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन के हाथों पेश होने वाले बजट पर लगी हैं. जन्म से लेकर मृत्यु तक टैक्स के जाल में फंसे आम आदमी की ख्वाहिश बस इतनी है कि टैक्स पर राहत मिल जाए जो पिछले कई वर्षों से बजट में नहीं मिली है. जब देश में पिछले 8 साल से टैक्स पर कोई बड़ी राहत बजट में सरकार ने आम जनता को नहीं दी है. तब क्या पांच राज्यों के चुनाव से पहले आ रही सरकार की लाल रंग में लिपटी हुई बजट पोटली से टैक्स छूट वाला तोहफा मिल पाएगा? जो लाख दुखों की एक दवा है.