दो दिन बाद 13 सितंबर को एक नये इतिहास को लिखने की बिसात आरएसएस ने तैयार कर दी है और बीजेपी उसपर चलने को तैयार भी है. यानी पहली बार दिल्ली छोड किसी राज्य के मुख्यमंत्री पर संसदीय बोर्ड पीएम की उम्मीदवारी की मुहर लगाएगा. दिल्ली में बैठे चार पूर्व पार्टी अध्यक्ष भी नरेंद्र मोदी के नाम पर मुहर लगाएंगे.