संसद में गुरुवार को लोकपाल बिल पेश हो गया लेकिन संसद में हर तरफ अन्ना ही अन्ना छाए रहे. अन्ना दिल्ली से बहूत दूर रालेगण में थे, पर दिल्ली में देश की संसद उनके विचार के इर्द-गिर्द घूमती रही. अन्ना ने जिस लोकपाल का सपना दिखाया, उसी पर सरकार की कोशिशों को कसा गया.