संसद के भीतर बाहर सिर्फ घोटालों का जिक्र है. देश की दो बड़ी पार्टियों के बीच एक-दूसरे को घोटालेबाज साबित करने की होड़ मची है. आजादी से अब तक हुए घोटालों पर एक नजर.