आम आदमी पार्टी को भले ही अन्ना आंदोलन के गर्भ से जन्मी पार्टी माना जाता हो लेकिन अब इस पार्टी में भी खासी खटपट देखने को मिल रही है. पहले योगेंद्र यादव और प्रशान्त भूषण का बाहर निकाला जाना और फिर कुमार विश्वास का दूसरे नेताओं से पहले खफा होना और फिर मना लिया जाना तो कुछ दूसरे ही संकेत देता है. क्या आम आदमी पार्टी भी दूसरे राजनीतिक दलों के तर्ज पर चलेगी या फिर उसमें खुद को बदल पाने की क्षमता है.इसके साथ ही भारतीय सैनिकों की लगातार शहादत ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है. पाकिस्तान द्वारा आए दिन सीजफायर उल्लंघन और जारी सियासत कुछ अच्छा तो नहीं ही दिखा रही. क्या पाकिस्तान की बर्बरता रुकेगी? क्या सरकार इस पर लगाम लगा सकेगी? देेखें 10 तक...