महुआ विधानसभा सीट की लड़ाई राघोपुर तक अंगड़ाई लेने लगी है. कहने को तो महुआ में तेज प्रताप यादव और राघोपुर में तेजस्वी यादव अपना अपना चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन अब दोनों के बीच आन, बान और शान की लड़ाई बन गई है. जिस तरह से दोनों भाई एक दूसरे को ललकार रहे हैं, लालू यादव की पार्टी और परिवार की आपसी लड़ाई गंभीर होती जा रही है - गंभीर राजनीतिक नतीजे की तरफ संकेत भी दे रही है.
महुआ जाकर आरजेडी प्रत्याशी मुकेश रौशन के पक्ष में चुनाव प्रचार करके तेजस्वी यादव ने तेज प्रताप यादव को राघोपुर का न्योता दे दिया है - और गुस्से में लाल हो चुके तेज प्रताप यादव राघोपुर में दो-दो हेलीकॉप्टर उतारने का ऐलान कर दिया है.
मोकामा जैसी हिंसक तो नहीं, लेकिन महुआ और राघोपुर की लड़ाई भी राजनीतिक तकरार के तौर पर किसी भी रूप से कम नहीं लग रही है. तेज प्रताप ने तो काफी पहले ही साफ कर दिया था कि अगर महुआ के मामले में कोई दखलंदाजी हुई तो वो राघोपुर जाकर वैसा ही जवाब देंगे.
महुआ में छोटे भाई को बड़े भाई का जवाब
तेजस्वी यादव और तेज प्रताप के बीच मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से तकरार तो चल ही रहा था, महुआ में तेज प्रताप यादव के खिलाफ कैंपेन करके तेजस्वी यादव ने मुसीबत मोल ली है.
तेजस्वी यादव के दो सीटों से चुनाव लड़ने के सवाल पर तेज प्रताप यादव ने कहा था, अगर ऐसा हुआ तो वो राघोपुर से भी चुनाव लड़ेंगे. लेकिन, नामांकन भरने के बाद तेजस्वी यादव ने साफ कर दिया कि उनका दो सीटों से चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है. हो सकता है, तब तेज प्रताप यादव को ये भी लगा हो कि तेजस्वी यादव चुनाव प्रचार के लिए महुआ को भी स्किप कर दें, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
तेजस्वी यादव के महुआ पहुंचने का मतलब ही था कि तेज प्रताप यादव उनके निशाने पर होंगे. देखे भी गए. तेजस्वी यादव ने कहा, कोई आए, कोई जाए... पार्टी से बड़ा कोई नहीं है... पार्टी ही मां-बाप है. पार्टी है तो सब है, पार्टी नहीं तो कुछ भी नहीं है... महुआ से लालटेन और लालू यादव का झंडा लहराएगा... लालटेन जलेगी तभी तेजस्वी यादव की सरकार बनेगी.'
तेजस्वी यादव को तेज प्रताप यादव ने भी उसी लहजे में जवाब दिया है. महुआ को अपनी राजनीतिक कर्मभूमि बताते हुए तेज प्रताप यादव कहते हैं, मेरे लिए पार्टी और परिवार से कहीं बढ़कर जनता है... पार्टी सिर्फ एक व्यवस्था है, लेकिन जनता हमारी मालिक है.'
तेजस्वी को सीधे निशाने पर लेते हुए तेज प्रताप यादव ने कहा, हमारे छोटे और नादान भाई ने कहा कि पार्टी से बड़ा कोई नहीं होता... लेकिन, मैं उनसे कहना चाहता हूं... पार्टी से बड़ी जनता होती है... वही असली मालिक है... लोकतंत्र में सबसे बड़ा केवल जनता होती है, न कोई पार्टी और न कोई परिवार.'
आरजेडी के 'जननायक' कैंपेन को पहले ही खारिज कर चुके तेज प्रताप यादव ने तेजस्वी यादव के 18 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के दावे पर बोला है, कहने को कोई भी... कुछ भी कह सकता है, लेकिन फैसला जनता ही करती है... नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा कि क्या होता है.
राबड़ी का प्रचार या आशीर्वाद, कौन ज्यादा असरदार?
राजनीति धीरे धीरे रंग दिखाने लगी है. तेजस्वी के हाथ में पार्टी की कमान और पिता का सपोर्ट है, जबकि तेज प्रताप के साथ मां का आशीर्वाद है. तेजस्वी यादव के लिए राघोपुर जाकर लोगों से वोट मांग रही राबड़ी देवी का कहना है कि वो प्रचार करने तो नहीं जाएंगी, लेकिन मन से आशीर्वाद तो तेज प्रताप के लिए है ही. तेजस्वी यादव के इलाके में मीसा भारती के साथ साथ उनकी बहनें रोहिणी और रागिनी भी चुनाव प्रचार कर रही हैं.
कैंपेन के बारे में पूछने पर राबड़ी देवी कहती हैं, प्रचार करने तो नहीं जाएंगे. मने मन में है न, दिल में है... जीते ऊ अपना. अपना काम कर रहा है अलग होके. अपना पैर पर खड़ा हुआ है. पूरा बिहार उसको भी हक है घूमने का. ऊ कौन छीन लेगा? कोई नहीं छीनेगा... हम भी नहीं छीन सकते.
और फिर ऐसी बात बोलती हैं, सुनकर लगता है तेज प्रताप यादव को परिवार और पार्टी से निकाले जाने की भी पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को काफी तकलीफ है. राबड़ी देवी कहती हैं, मन से तो बेटा है... मन से थोड़े ही निकला है... पार्टी से अलग पार्टी के लोग किया है... चाहे घर से भी निकाला है... मन से तो नहीं निकाला है.
राघोपुर और महुआ में लड़ाई मिलती जुलती होने लगी है
हाल ही में एक वीडियो सामने आया था, जिसमें लोग तेजस्वी यादव से नाराज देखे गए थे. एक बुजुर्ग राबड़ी देवी से तेजस्वी यादव के इलाके से गायब होने की शिकायत कर रहा था. कुछ दिन पहले तेज प्रताप यादव भी राघोपुर जाकर बाढ़ से परेशान लोगों की मदद के लिए सामान दिया था, और सवाल भी उठाया था कि इलाके का विधायक नदारद है.
राघोपुर पहुंचकर तेजस्वी यादव लोगों को समझाते हैं कि इस बार वे विधायक नहीं मुख्यमंत्री चुनने जा रहे हैं. और वादा करते हैं क महागठबंधन के सत्ता में आने पर वहां एक डिग्री कॉलेज और एक आधुनिक अस्पताल बनाया जाएगा.
और लगे हाथ उनको बताते हैं, 'ये कामवा मुख्यमंत्री से ही होगा.'
लोगों से तेजस्वी यादव की अपील होती है कि वे उनको जीत की चिंता से मुक्त कर दें, ताकि वो पूरे बिहार में घूम घूम कर प्रचार कर सकें. बिहार के मुख्यमंत्री रहते लालू प्रसाद और राबड़ी देवी राघोपुर से विधायक रह चुकी हैं, और पिछले दो बार से तेजस्वी यादव राघोपुर से ही विधायक हैं. ये उनकी तीसरी पारी है.
1. राघोपुर, असल में, हाजीपुर संसदीय सीट का हिस्सा है. हाजीपुर से लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान सांसद हैं. हाजीपुर रामविलास पासवान की लोकसभा सीट रही है, और चिराग पासवान के पास अपना मजबूत जनाआधार है.
2. राघोपुर में राजनीतिक समीकरण इस बार थोड़ा बदला हुआ है. 2020 के चुनाव में एनडीए से अलग होने के कारण चिराग पासवान ने अपना उम्मीदवार उतारकर तेजस्वी यादव की राह थोड़ी आसान कर दी थी, लेकिन इस बार वो एनडीए के साथ हैं.
3. जैसे आरजेडी ने महुआ में उम्मीदवार उतारा है, तेज प्रताप यादव ने राघोपुर में प्रेम कुमार को उम्मीदवार बनाया है, जबकि जन सुराज पार्टी से चंचल कुमार मैदान में हैं. बीजेपी ने सतीश यादव पर ही फिर से भरोसा जताया है. खास बात ये है कि सतीश यादव 2010 में जेडीयू उम्मीदवार के रूप में राबड़ी देवी को हरा चुके हैं, ये बात अलग है कि 2015 और 2020 में तेजस्वी यादव से मुकाबले में हार का मुंह देखना पड़ रहा है.
लालू परिवार के लिए सबसे बड़ी मुश्किल ये है कि तेजस्वी यादव ने महुआ जाकर राघोपुर के लिए खतरा मोल लिया है, और तेज प्रताप यादव राघोपुर में धावा बोलने जा रहे हैं - और अंदाज भी कुछ ऐसा लग रहा है जैसे न खेंलेंगे न खेलने देंदे, बल्कि खेल ही बिगाड़ेंगे.