रेखा गुप्ता पर हमला बेहद गंभीर मामला है. और, उस पर शुरू हुई राजनीति और ज्यादा गंभीर है. बीजेपी और आम आदमी पार्टी की पुरानी अदावत अपनी जगह है, लेकिन दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हुए हमले के बाद बीजेपी विधायक ने आम आदमी पार्टी के विधायक को जिस तरह कठघरे में खड़ा करने की कोशिश की है, वो तरीका सही नहीं है.
20 अगस्त, 2025 को जन सुनवाई के दौरान फरियादी बनकर पहुंचे एक शख्स ने अचानक दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर हमला कर दिया था. हमलावर को तत्काल पकड़ लिया गया, और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी हो गई - लेकिन हमले के कुछ देर बाद ही जो राजनीति शुरू हो गई, वो अपेक्षित तो थी लेकिन वो तरीका नहीं.
जैसे ही हमलावर के बारे में ज्यादा जानकारी मिली, फटाफट उसका गुजरात कनेक्शन जोड़ दिया गया. गुजरात में अरविंद केजरीवाल बीजेपी को आने वाले चुनाव में चैलेंज करने की तैयारी कर रहे हैं. खासकर विसावदर उपचुनाव में गोपाल इटालिया के चुनाव जीत जाने के बाद.
बीजेपी विधायक हरीश खुराना ने हमले के आरोपी के आम आदमी पार्टी से जुड़े होने का दावा कर दिया. आम आदमी पार्टी की तरफ से हरीश खुराना के दावे को तत्काल प्रभाव से खारिज भी कर दिया गया. हरीश खुराना दिल्ली के मोती नगर से विधायक हैं, और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मदनलाल खुराना के बेटे हैं.
असल में, हरीश खुराना ने सोशल साइट X पर एक तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया कि रेखा गुप्ता पर हमला करने वाले की आम आदमी पार्टी के विधायक गोपाल इटालिया से जान पहचान है. गोपाल इटालिया ने तो सवाल उठाया ही था, आज तक के फैक्ट-चेक में मालूम हुआ कि बीजेपी विधायक की शेयर की हुई तस्वीर फर्जी है, और AI से बनाई गई है.
रेखा गुप्ता केस और AI फोटो पॉलिटिक्स
दिल्ली बीजेपी विधायक हरीश खुराना का इल्जाम है कि हमले का आरोपी राजेश भाई खिमजी का आम आदमी पार्टी से कनेक्शन है. हरीश खुराना ने सोशल मीडिया पर जो फोटो शेयर की है उसमें आरोपी को गुजरात से आम आदमी पार्टी के विधायक गोपाल इटालिया के साथ देखा जा सकता है. पहली बार तस्वीर देखकर सबको ऐसा ही लगा था.
सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते हुए हरीश खुराना ने लिखा है, "जिसका शक था वही हुआ... अरविंद केजरीवाल के खास गोपाल इटालिया के साथ फोटो बहुत कुछ कह रही है.'
साथ ही, हरीश खुराना ने ये भी दावा किया कि रेखा गुप्ता के ऊपर हुए हमले का कनेक्शन आम आदमी पार्टी से जुड़ता है, ऐसा साफ नजर आ रहा है - और फिर पूछा, फोटो की सच्चाई केजरीवाल जी बताएं? केजरीवाल जी प्लीज एक्सप्लेन ये रिश्ता क्या कहलाता है... गजब.
बीजेपी विधायक के दावे और सवाल पूछने पर खुद गोपाल इटालिया ने ही रिएक्ट किया. गोपाल इटालिया का दावा है कि हरीश खुराना ने जो तस्वीर शेयर की है, वो उनके एक वीडियो से लिया गया स्क्रीनशॉट से बना है. वीडियो, गोपाल इटालिया के मुताबिक, उनके विधानसभा क्षेत्र विसावदर में हुई एक मीटिंग की है. गोपाल इटालिया ने कहा, मेरे पुराने वीडियो से कुछ स्क्रीनशॉट्स लेकर, उसे एडिट कर के आपने फर्जी फोटो पोस्ट किये हैं... सीएम का बेटा होकर भी ऐसे घिनौने काम करने में आप को जरा सी भी शर्म नहीं आई?
गोपाल इटालिया ने अपनी प्रतिक्रिया में लिखा, विधायक बनने के बाद मुझे आप के जैसे घटिया ट्रोलर्स को एक्सप्लेन करना पड़ रहा है... ये मेरे लिए भी दुर्भाग्य की बात है.
आज तक के लाइव शो के दौरान जब हरीश खुराना से फोटो के सोर्स के बारे में पूछा गया, और बताया गया कि हमारी जांच में ये तस्वीर फेक पाई गई है तो उनका कहना था कि वो भी 14 साल तक मीडिया प्रभारी के तौर पर काम कर चुके हैं, और वो फोटो का सोर्स नहीं बता पाएंगे.
हरीश खुराना ने दोहराया कि तस्वीर की जांच होनी चाहिये, और गोपाल इटालिया को जवाब देना चाहिए - लेकिन आज तक के फैक्ट-चेक में भी गोपाल इटालिया के साथ हमले के आरोपी फोटो फर्जी निकली है.
1. फोटो को रिवर्स-सर्च करने पर यूट्यूब पर गोपाल इटालिया का एक वीडियो मिला. उनकी किसी मीटिंग का ये वीडियो 6 अगस्त को अपलोड किया गया है. वीडियो के शुरू में 3 सेकेंड पर ठीक वही फ्रेम देखा जा सकता जो वायरल फोटो में नजर आ रहा है.
2. इस फ्रेम में गोपाल के हाथों का पोज और आंखें वायरल फोटो से हूबहू मेल खा रही हैं, और फ्रेम में गोपाल इटालिया के साथ कोई और व्यक्ति खड़ा देखा जा सकता है.
3. वायरल फोटो में जैसी रोशनी गोपाल इटालिया के चेहरे पर पड़ती नजर आ रही है, वैसी आरोपी राजेश के चेहरे पर नहीं देखने को मिल रही है.
AI का रेखा गुप्ता केस जैसा इस्तेमाल खतरनाक
AI का करीब करीब हर फील्ड में जोरशोर से इस्तेमाल हो रहा है, और उसकी वजह से क्रांतिकारी बदलाव की संभावना जताई जा रही है. साथ ही, AI के इस्तेमाल को लेकर कई आशंकाएं भी हैं - और रेखा गुप्ता पर हमले के मामले में जिस तरह की राजनीति शुरू हुई है, वो भी एक नकारात्मक पहलू ही है.
1. सोशल मीडिया पर बहुत कुछ चलता है, और AI का बेजा इस्तेमाल भी उसमें शामिल है. ये बहुत सारे लोगों के लिए ये टाइमपास, और मनोरंजन का जरिया भी है, लेकिन जब कोई नेता ऐसा करता है तो सोचने को बाध्य होना पड़ता है. क्योंकि, हरीश खुराना जैसे नेता से कुछ न कुछ जिम्मेदारी की अपेक्षा तो की ही जानी चाहिये.
किसी आम इंसान की तरफ से ऐसा हुआ होता, तो भी अच्छी बात नहीं समझी जाती, लेकिन जनता के चुने हुए किसी विधायक की तरफ से AI से फोटो बनाकर किसी राजनीतिक विरोधी पर आरोप मढ़ देना चिंता की बात होनी चाहिये. क्योंकि, किसी विधायक का ऐसा कदम बहुत सारे लोगों को ऐसा करने की प्रेरणा दे सकता है, या कहें कि उकसा सकता है.
2. ऐसे तो किसी को भी किसी मामले से जोड़ा जा सकता है. किसी की तस्वीर किसी के साथ जोड़ कर कोई भी आरोप जड़ा जा सकता है. ये पुलिस के फर्जी एनकाउंटर जैसा ही लगता है. जैसे कोई पॉलिटिकल एनकाउंटर चल रहा हो.
3. सोशल मीडिया पर पहले से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी तक की AI से तस्वीरें और वीडियो बनाने का खेल पहले से ही जारी है. हंसी-मजाक और व्यंग्य तक तो ठीक है, लेकिन गंभीर मामलों में ऐसा किया जाना तो पूरी तरह गलत है. बल्कि अपराध है.
4. PM-CM की गिरफ्तारी पर हटा दिये जाने वाले कानून से पहले तो AI के ऐसे गलत इस्तेमाल पर रोक लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए - ताकि, AI का गलत इस्तेमाल हर हाल में रोका जा सके.
देखें तो रेखा गुप्ता अटैक केस में AI फोटो का इस्तेमाल होना सिर्फ गलत नहीं है, ये किसी बड़े खतरे की आहट का मजबूत संकेत भी है. हरीश खुराना का ये ऐक्ट अलर्ट की तरह लिया जाना चाहिए.