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4 देशों की उड़ान भरकर भारत लौटा गिद्ध, 15 हजार किलोमीटर की दूरी तय की, कजाकिस्तान-उज्बेकिस्तान भी गया

Vulture Returned In Madhya Pradesh: विदिशा के हालाली डैम से उड़ान भरने वाला यूरोपीय ग्रिफ़ॉन गिद्ध 'मारीच' एक लंबी और रोमांचक यात्रा पूरी कर दोबारा भारत लौट आया है. मार्च में छोड़े गए इस दुर्लभ गिद्ध ने पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और कजाखस्तान के रास्ते उड़ते हुए करीब 15,000 किलोमीटर की दूरी तय की और अब राजस्थान के धौलपुर क्षेत्र में देखा जा रहा है.

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गिद्ध पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और कज़ाखस्तान जाकर वापस लौट आया. (Photo: Representational)
गिद्ध पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और कज़ाखस्तान जाकर वापस लौट आया. (Photo: Representational)

यूरेशियन ग्रिफ़ॉन गिद्ध ‘मारीच’ ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह प्रजाति लंबी दूरी की उड़ान भरने में कितनी सक्षम है. न्यूज एजेंसी की खबर के मुताबिक, विदिशा के हालाली डैम से उड़ान भरने के बाद 'मारीच' करीब 15,000 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर भारत वापस लौटा है. वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह गिद्ध इस समय राजस्थान के धौलपुर जिले के क्षेत्र में देखा जा रहा है.

विदेशी सफर, चार देशों से होकर लौटा गिद्ध
विदिशा के डीएफओ हेमंत यादव ने बताया कि मारीच पाकिस्तान, अफगानिस्तान, उज्बेकिस्तान और कज़ाखस्तान जैसे देशों से होकर गुजरा. गिद्ध की पूरी यात्रा और लोकेशन का रिकॉर्ड सैटेलाइट रेडियो कॉलर के जरिए लगातार ट्रैक किया जा रहा है. यह जानकारी गिद्धों के प्रवास पैटर्न और संरक्षण उपायों के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है.

कैसे मिला था घायल 'मारीच'?
29 जनवरी को सतना जिले के नागौर गांव में मारीच घायल अवस्था में मिला था. उसे पहले मुकुंदपुर ज़ू में उपचार दिया गया और बाद में भोपाल वन विहार नेशनल पार्क में उसकी रिकवरी करवाई गई. लगभग दो महीने तक देखरेख के बाद 29 मार्च को उसे हालाली डैम से जंगल में वापस छोड़ा गया.

प्रकृति के सफाईकर्मी हैं गिद्ध
वन्यजीव विशेषज्ञों के अनुसार, गिद्ध मृत जानवरों को खाकर बीमारियों के फैलाव को रोकते हैं. वे प्राकृतिक सफाईकर्मी की तरह काम करते हैं और पर्यावरण में पोषक तत्वों के पुनर्चक्रण में अहम भूमिका निभाते हैं. इससे मिट्टी और पानी की गुणवत्ता भी बेहतर होती है.

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यूरेशियन ग्रिफ़ॉन गिद्ध की खासियतें
यह प्रजाति यूरोप, उत्तरी अफ्रीका और एशिया के पहाड़ी और शुष्क इलाकों में पाई जाती है. इनकी लंबाई 95 से 110 सेंटीमीटर और पंखों का फैलाव 2.5 से 2.8 मीटर तक होता है. वजन 6 से 11 किलो तक होता है. गर्दन के आसपास पंखों की माला और भूरे रंग के शरीर पर इनके अलग-अलग पंख इनकी पहचान हैं. यह गर्म हवा के सहारे घंटों तक ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है.

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