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छिपकली ने मजदूर के कपड़ों को ही बनाया अपना घर, काटती है तो नहीं होता असर; बोला- दोस्त नहीं, जान है अपनी

दिनेश और छिपकली की इस दोस्ती को लोग देखते हैं तो हैरत में पड़ जाते हैं. अब इंसान और छिपकली की यह दोस्ती धीरे-धीरे मशहूर होती जा रही है और लोग बड़ी दिलचस्पी के साथ इस दोस्ती को जानने के लिए उत्सुक रहते हैं. 

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दिनेश के कपड़ों पर बैठी छिपकली.
दिनेश के कपड़ों पर बैठी छिपकली.

आपने अब तक अलग-अलग जानवरों और इंसानों के बीच की दोस्ती की कहानी सुनी और देखी होगी. लेकिन हम आज आपको एक ऐसी अनोखी दोस्ती के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में न कभी आपने सुना होगा और न कभी आपने देखा होगा. जी हां, हम आपको एक इंसान और एक छिपकली के बीच की दोस्ती के बारे में बताने जा रहे हैं. जितनी दिलचस्प यह दोस्ती है, उतनी ही दिलचस्प इस दोस्ती की कहानी भी है.

दरअसल, मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में रहकर मजदूरी करने वाले दिनेश लोधी की एक छिपकली के साथ दोस्ती हो गई है. यह दोस्ती एक महीने पुरानी है, लेकिन यह दोस्ती इतनी पक्की है कि दिनेश और उसकी दोस्त छिपकली एक दूसरे से अलग नहीं रह पाते हैं. 

जयारोग्य अस्पताल के बाहर फुटपाथ पर रहने वाला दिनेश लोधी मजदूरी करके अपना पेट पलता है, लेकिन उसे यह नहीं मालूम था कि उसकी जिंदगी में एक ऐसा दोस्त आ जाएगा जो उसे इंसानों से भी ज्यादा अजीज हो जाएगा. 

जिसे चूहा समझ रहा था, वह तो छिपकली निकली 

बात एक महीने पुरानी है जब दिनेश लोधी सो रहा था, तभी अचानक उसके कपड़ों के अंदर यह छिपकली घुस गई. दिनेश को लगा कि शायद उसके कपड़ों में कोई चूहा घुस गया है. उसने कपड़े झटक कर चूहे को बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन चूहा बाहर नहीं आया. जब दिनेश ने हाथ डालकर चूहा बाहर निकालने की कोशिश की तो उसके हाथ में छिपकली आ गई. तब दिनेश को मालूम हुआ कि जिसे वह चूहा समझ रहा था, वह तो छिपकली है. छिपकली दिनेश के कपड़ों से अलग हटने को तैयार नहीं थी. दिनेश ने कोशिश भी की लेकिन वह सफल नहीं हो सका. 

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छिपकली दिनेश के कपड़ों पर ही रहने लगी

नशे का आदी दिनेश इसके बाद शराब पीने चला गया. छिपकली भी उसके कपड़ों पर मौजूद रही. शराब चढ़ गई और दिनेश सो गया, लेकिन जब शराब का नशा उतरा तो छिपकली अब भी उसके कपड़ों पर ही थी. इसके बाद दिनेश ने छिपकली पर ध्यान नहीं दिया. फिर क्या था, छिपकली दिनेश के कपड़ों पर ही रहने लगी. वह दिन भर शरीर में इधर-उधर चढ़कर बैठ जाती है. शुरुआत में दिनेश को यह अजीब लगता था लेकिन धीरे-धीरे दिनेश को भी छिपकली को साथ रखने की आदत हो गई. 

जहर का कोई असर नहीं

दिनेश बताता है कि इस दौरान छिपकली उसे दो-तीन बार काट भी चुकी है लेकिन उस पर छिपकली के जहर का कोई असर नहीं हुआ है. अब अगर छिपकली दिनेश से दूर भी जाती है तो दिनेश बेचैन होता है और वह वापस छिपकली को पड़कर अपने शरीर पर रख लेता है. देखें Video:-

सांप के काटने का भी असर नहीं 

दिनेश बताता है कि उसे एक बार एक सांप ने भी काट लिया था. हाथ में जिस स्थान पर सांप ने काटा था. वहां पर दिनेश ने खुद ही अपने मुंह से सांप का जहर निकाल दिया था, इसलिए शायद उस पर अब छिपकली के जहर का असर नहीं होता है. शुरुआत में छिपकली ने दिनेश को दो-तीन बार काटा था, लेकिन अब छिपकली भी दिनेश को नहीं काटती है. 

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छिपकली भी दिनेश के शरीर पर इस तरह बैठी रहती है कि मानो यह दिनेश का शरीर नहीं, बल्कि उसका आशियाना हो. दिनेश और छिपकली के बीच की यह दोस्ती लोगों के बीच में चर्चा का विषय भी बनी हुई है.

दिनेश और छिपकली की इस दोस्ती को राहगीर देखते हैं तो हैरत में पड़ जाते हैं. अब इंसान और छिपकली की यह दोस्ती धीरे-धीरे मशहूर होती जा रही है और लोग बड़ी दिलचस्पी के साथ इस दोस्ती को जानने के लिए उत्सुक रहते हैं. 

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