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Ujjain: बाबा महाकाल की सवारी में जनजातीय वर्ग के प्रतिनिधि हुए शामिल, CM की ओर से पहुंचे मंत्री सिलावट

Sawan Somwar 2024: CM यादव ने बताया कि बाबा महाकाल की सवारी के दर्शन और स्वागत के लिए जनजातीय इलाकों से भी श्रद्धालु पहुंचे हैं. सवारी के अवसर पर धार, झाबुआ और अन्य जिलों के जनजातीय समाज के बंधु भी भागीदारी करने के लिए आए हुए हैं. आगे भी अन्य जिलों से जनजातीय समाज के भाई-बहन सवारी में शामिल होंगे.

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महाकाल मंदिर के समीप परंपरिक नृत्य करते आदिवासी कलाकार.
महाकाल मंदिर के समीप परंपरिक नृत्य करते आदिवासी कलाकार.

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने श्रावण माह में प्रथम सोमवार पर आज भगवान महाकाल की प्रथम सवारी के अवसर पर श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दी हैं. सीएम ने बाबा के श्रद्धालुओं की भावना का सम्मान करते हुए कामना की है कि बाबा की कृपा उन पर बनी रहे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंत्री भी सवारी में शामिल हो रहे हैं. उज्जैन में सावन माह के सोमवार को निकलने वाली महाकाल की प्रथम सवारी में मुख्यमंत्री की ओर से जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट सवारी में शामिल हुए.

CM यादव ने बताया कि बाबा महाकाल की सवारी के दर्शन और स्वागत के लिए जनजातीय इलाकों से भी श्रद्धालु पहुंचे हैं. सवारी के अवसर पर धार, झाबुआ और अन्य जिलों के जनजातीय समाज के बंधु भी भागीदारी करने के लिए आए हुए हैं. आगे भी अन्य जिलों से जनजातीय समाज के भाई-बहन सवारी में शामिल होंगे.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान महाकाल श्रावण माह में सोमवार को अपने धाम से नगर भ्रमण पर निकलते हैं. मां क्षिप्रा के किनारे और उज्जैन नगर में अन्य स्थानों पर बाबा महाकाल की सवारी के लिए श्रद्धालुओं का उत्साह- उमंग देखते ही बनता है. इस सवारी के दर्शन के लिए और मनोकामना लिए देश -विदेश के अनेक स्थानों से लोग उज्जैन आते हैं. 

आज बाबा महाकाल की सवारी के प्रत्यक्ष दर्शन के साथ ही अन्य इलेक्ट्रानिक माध्यमों से किए जाने वाले सजीव प्रसारण से भी दर्शन संभव हैं. सावन के महीने में सोमवार को बाबा महाकाल की प्रथम सवारी के दर्शन के लिए भक्ति और उमंग का सागर उमड़ता है. प्रशासन ने गरिमामय सवारी के लिए आवश्यक प्रबंध भी किए गए हैं. बाबा महाकाल की सवारी को और अधिक भव्य और आकर्षक बनाने के लिए श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है.

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महाकालेश्वर भगवान की प्रथम सवारी में  माननीय मुख्यमंत्री की मंशानुरूप जनजातीय लोक कला और बोली विकास अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद के माध्यम से भगवान महाकालेश्वर  की सवारी में जनजातीय कलाकारों का दल भी सहभागिता कर रहा है. धार- झाबुआ के भील जनजातीय भगोरिया नृत्य के सदस्यों का दल सवारी में प्रस्तुति के लिए सम्मिलित हो रहा हैं. 

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