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Coldrif के अलावा 3 कफ सिरप भी फेल... Relife और Respifresh TR में मिला DEG; MP सरकार गुजरात को लिखेगी पत्र

आजतक की पड़ताल में खुलासा हुआ है कि Coldrif के अलावा 3 अन्य सिरप भी अमानक पाए गए हैं. रिलीफ सिरप और रेस्पिफ्रेश TR सिरप में तय मात्रा से ज्यादा डाइएथिलीन ग्लाइकॉल पाया गया.

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Coldrif के अलावा 4 कफ सिरप अमानक.(File Photo)
Coldrif के अलावा 4 कफ सिरप अमानक.(File Photo)

छिंदवाड़ा में जहरीली कफ सिरप से बच्चों की मौत के मामले में 'आजतक' की पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. शुरुआती जांच में सिर्फ Coldrif सिरप अमानक पाई गई थी, लेकिन अब पता चला है कि कुल 4 सिरप में गुणवत्ता मानक पूरे नहीं पाए गए हैं.

वहीं, तमिलनाडु सरकार की आंतरिक रिपोर्ट ने कफ सिरप बनाने वाली कंपनी की गंभीर लापरवाही और अवैध गतिविधियों को उजागर किया है.

मध्य प्रदेश सरकार की जांच में Coldrif सिरप के अलावा तीन और सिरप में भी गड़बड़ी मिली है. इन सभी में तय मात्रा से अधिक डायथिलीन ग्लाइकॉल (DEG) पाया गया है:-

सिरप का नाम निर्माता कंपनी     बैच नंबर DEG की मात्रा स्थिति
Respifresh TR सिरप Rednex Pharmaceutical, गुजरात RO1GL2523 1.34%     अमानक
Relife सिरप Shape Pharma, गुजरात LSL25160 0.61% अमानक
Defrost Cyrup अज्ञात (रिकॉल)     11198     N/A अमानक

Respifresh TR (1.34% DEG) और Relife (0.61% DEG) सिरप बनाने वाली गुजरात की कंपनियों पर कार्रवाई के लिए MP सरकार जल्द ही गुजरात के फ़ूड एंड ड्रग कंट्रोल एडमिनिस्ट्रेशन के कमिश्नर को पत्र लिखेगी. Defrost Cyrup के बैच नंबर 11198 को तुरंत बाजार से रिकॉल (वापस मंगाने) का आदेश दिया गया है.

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तमिलनाडु की 26 पन्नों की रिपोर्ट में गंभीर खामियां
कफ सिरप बनाने वाली तमिलनाडु की कंपनी मेसर्स श्रीसन फार्मास्युटिकल्स को लेकर तमिलनाडु सरकार की 26 पन्नों की जांच रिपोर्ट ने निर्माता की नीयत और लापरवाही को उजागर किया है.

रिपोर्ट से पता चला कि 1 और 2 अक्टूबर (गांधी जयंती-दशहरा की छुट्टी) को भी तमिलनाडु का ड्रग कंट्रोल विभाग कंपनी का इंस्पेक्शन कर रहा था. जांच में 350 से अधिक खामियां पकड़ी गईं, जिन्हें 'क्रिटिकल' और 'मेजर' श्रेणियों में रखा गया.

रिपोर्ट में पाया गया कि कंपनी में गंदगी के बीच सिरप बनाया जा रहा था. इसके अलावा, कंपनी के पास स्किल्ड मैनपॉवर, मशीनरी, फैसिलिटी और उपकरणों की भारी कमी थी. 
     
रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि सिरप में इस्तेमाल होने वाला औद्योगिक सॉल्वैंट प्रोपलीन ग्लाईकॉल (जो कम विषैला होता है) और डाईएथनील ग्लाईकॉल (DEG) दोनों पाए गए. रिपोर्ट में पाया गया कि कंपनी ने 50-50 किलो प्रोपलीन बिना चालान के खरीदा था, जो अवैध श्रेणी में आता है. 
        
माना जाता है कि सस्ते विकल्प के रूप में औद्योगिक उत्पाद डाइएथलीन ग्लाइकॉल को प्रोपलीन ग्लाइकॉल की जगह इस्तेमाल किया गया, जिसके कारण छिंदवाड़ा जैसी घातक घटनाएं हुईं. DEG मानव शरीर के लिए प्रोपलीन ग्लाईकॉल से कहीं ज्यादा घातक है.

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