मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के निर्देश के बाद अनफिट नर्सिंग कॉलेजों पर तेजी से कार्रवाई की जा रही है. इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने कलेक्टरों को सूची भेज दी है. साथ ही सीएम ने निर्देश दिया है कि प्रशासन हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक कार्रवाई करे. बता दें कि नर्सिंग कॉलेजों के पुराने छात्र इस आदेश से प्रभावित नहीं होंगे और परीक्षा दे सकेंगे.
दरअसल, मध्य प्रदेश के 31 जिलों के 66 नर्सिंग कॉलेज बंद किए जा रहे हैं. इंदौर समेत कई जिलों में कार्रवाई की गई है. बंद होने वाले नर्सिंग कॉलेजों में बैतूल जिले के 8, भोपाल के 6, इंदौर के 5, छतरपुर, धार और सीहोर के 4, नर्मदापुरम, भिंड, छिंदवाड़ा, जबलपुर के 3-3 नर्सिंग कॉलेज शामिल हैं. अयोग्य पाया गया है.
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'नियम-कायदों की अनदेखी कर चलाए जा रहे नर्सिंग कॉलेज'
बता दें कि एमपी में नियम-कायदों की अनदेखी कर नर्सिंग कॉलेज चलाए जा रहे थे. इनमें न तो बुनियादी ढांचा था और न ही फैकल्टी. ये मामला जब हाईकोर्ट पहुंचा, तो हाईकोर्ट ने इसकी जांच की जिम्मेदारी सीबीआई को सौंप दी. सीबीआई ने जांच शुरू की, लेकिन हाल ही में सीबीआई को पता चला कि उसके अपने अधिकारी ही मामले की जांच की आड़ में भ्रष्टाचार कर रहे हैं.
इसके बाद हाल ही में सीबीआई ने अपने ही चार अधिकारियों को एक निजी नर्सिंग कॉलेज के प्रबंधन से जुड़े लोगों से रिश्वत लेते हुए पकड़ा था, जिसके बाद यह मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया.