scorecardresearch
 

सिवनी हवाला लूट कांड... CSP पूजा पांडेय से रातभर बात करने वाले 'सर' के नाम से उठा पर्दा, बैचमेट DSP अरेस्ट

Seoni hawala loot case: सीएसपी पूजा पांडेय 'लूट' वाली रात में किस अफसर को 'सर' संबोधित करते हुए बात कर रही थीं, इस पर क्राइम ब्रांच के एएसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि पूजा पांडेय के मोबाइल फोन में DSP पंकज मिश्रा का नंबर 'पंकज सर' के नाम से सेव था.

Advertisement
X
CSP पूजा पांडेय समेत 11 पुलिसवाले पहले ही जेल में हैं.(Photo:ITG)
CSP पूजा पांडेय समेत 11 पुलिसवाले पहले ही जेल में हैं.(Photo:ITG)

मध्य प्रदेश के सिवनी हवाला लूट कांड में आज फिर बड़ी गिरफ्तारी हुई है. क्राइम ब्रांच ने बालाघाट हॉक फोर्स के DSP पंकज मिश्रा और जबलपुर क्राइम ब्रांच के आरक्षक समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया. आरोपियों में CSP पूजा पांडेय का एक रिश्तेदार और एक मुखबिर शामिल है. पुलिस ने चारों आरोपियों को सिवनी कोर्ट में पेश किया, कोर्ट ने आरोपियों को 20 नवंबर तक पुलिस रिमांड में भेजा है. 

दरअसल, DSP पंकज मिश्रा ही वह  'सर' निकले जिनसे सीएसपी पूजा पांडे उस रात बात कर रही थी. 8-9 अक्टूबर की दरमियानी रात जबलपुर क्राइम ब्रांच के आरक्षक प्रदीप सोनी को मुखबिर से हवाला के 2 करोड़ 96 लाख वाया सिवनी नागपुर और जालना ले जाने की जानकारी मिली. 

प्रदीप सोनी ने ये जानकारी बालाघाट हॉक फोर्स के डीएसपी पंकज मिश्रा को दी और फिर पंकज मिश्रा ने ये सूचना सिवनी सीएसपी पूजा पांडेय को दी.

इसके बाद पूजा पांडेय समेत 11 लोगों पर हवाला कारोबारी की गाड़ी NH-44 में सीलादेही बायपास के पास रोककर 1.47 करोड़ की लूट का आरोप है. इस मामले में सीएसपी पूजा पांडेय समेत 12 आरोपी पहले से ही जेल में हैं.

इससे पहले गिरफ्तार हुए DSP पंकज मिश्रा ने 'आजतक' को बताया था, "8 अक्टूबर की रात उन्हें जबलपुर क्राइम ब्रांच के आरक्षक ने बताया कि जबलपुर से बड़ी मात्रा में हवाला की रकम लेकर सफेद गाड़ी सिवनी की तरफ रवाना हुई है, उसे लगा कि मैं सिवनी में पोस्टेड हूं, मैंने आरक्षक को सिवनी सीएसपी से बात करने को कहा, लेकिन उसने मुझे कहा कि सर आप ही बता दीजिए. इसके बाद मैंने सिवनी सीएसपी पूजा पांडेय को इस बारे में जानकारी दी. 

Advertisement

पूजा पांडेय मेरे ही बैच की हैं, लेकिन मेरी बीते 4-5 साल से उनसे बात नहीं हुई थी. पूजा पांडेय को चेकिंग के दौरान गाड़ी में कैश नहीं मिला तो रात में उन्होंने मुझे कॉल करके बताया कि कैश नहीं मिला. फिर मैंने जबलपुर क्राइम ब्रांच के आरक्षक से कन्फर्म करके उन्हें अच्छी तरह से गाड़ी चेक करने के लिए कहा और इसी सिलसिले में उनका कई बार कॉल आया और जब कैश बरामद हुआ तो उनसे आखिरी बार बात हुई. 

लेकिन अगले दिन मीडिया में आई खबरों से मुझे पता चला कि ये सब हुआ है. इस मामले की जांच के लिए बनी एसआईटी ने भी मेरे बयान दर्ज किए हैं. मेरी भूमिका इस मामले में सिर्फ शुरुआती जानकारी देने और रकम ज़ब्त होने तक थी, इसके बाद जो हुआ वो बेहद अप्रत्याशित था."

इस मामले की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी के एक अफसर ने बताया कि डीएसपी पंकज मिश्रा और आरक्षक के बयान पहले ही ले लिए गए थे, जांच के दौरान क्राइम ब्रांच को डीएसपी पंकज मिश्रा समेत चारों आरोपियों के इस साजिश में शामिल होने के सबूत मिले, जिसके बाद अब सभी की गिरफ्तारी की गई.

---- समाप्त ----
Live TV

Advertisement
Advertisement